भारतीय मनीषियों के दर्शन व चिंतन धाराओं को सरल एव रुप में प्रस्तुत करना आवश्यक
पटना 02 जुलाई 2023 :- महामहिम राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार विधान परिषद् सभागार में
आचार्य अभिनवगुप्त के कश्मीरी शैव दर्शन पर आधारित प्रो० शत्रुघ्न प्रसाद स्मृति व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए
कहा कि भारतीय मनीषियों के दर्शन एवं चिंतन धाराओं को सरल एवं ग्राह्य रूप में
आमजन के सामने प्रस्तुत करने की आवश्यकता है ताकि वे इसे आसानी से समझ सकें।
उन्होंने कहा कि हमारे देश की परंपरा दर्शन एवं विचार सनातन हैं तथा आध्यात्मिकता इसका प्राण रहा है।
इसकी प्रासंगिकता को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रेखांकित कर हम अपने आध्यात्मिक दर्शन को पूरे विश्व के सामने रख सकते हैं।
हमारे ऋषिगण के मन में कोई भेदभाव नहीं था और वे समदर्शी थे तथा उनके द्वारा प्रदत्त दर्शन एवं विचार सबके लिए उपयोगी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार का इतिहास काफी पुराना है अपने राज्य और देश के भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्व० शत्रुघ्न प्रसाद देश की एकता और अखंडता के प्रतीक हैं।
उनकी स्मृति में परन्तु हमें आगामी वर्षों में भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान माला का आयोजन किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के पूर्व कुलपति आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में डॉ० रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, झारखंड के निदेशक-सह-प्रो० शत्रुघ्न प्रसाद स्मृति व्याख्यानमाला
आयोजन समिति के संयोजक श्री रणेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सदस्य सह-बाल शल्य चिकित्सा विभाग
आईजी०आई०एम०एस० पटना के विभागाध्यक्ष डॉ० (प्रो०) विजयेन्द्र कुमार, श्रीमती उर्मिला प्रसादइंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के दर्शनशास्त्र के प्रो० योगेश शर्मा तथा अन्य लोग उपस्थित थे।