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Thursday, October 31, 2024

वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 पर JPC बैठक में गरमागरम बहस: TMC सांसद कल्याण बनर्जी घायल

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वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान घटना

मंगलवार, 22 अक्टूबर को, वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान एक घटना हुई, जिसके परिणामस्वरूप कार्यवाही में रुकावट आई। इस सत्र में तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता कल्याण बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अभिजीत गांगुली के बीच गर्मागर्म बहस हुई।

समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल कर रहे थे, जो सेवानिवृत्त जजों और कानूनी विशेषज्ञों के समूह की राय इकट्ठा करने के लिए बुलाई गई थी। जब विपक्ष के सदस्यों ने इन व्यक्तियों की इस बिल से प्रासंगिकता पर सवाल उठाए, तो चर्चा ने तीव्र मोड़ ले लिया। इस दौरान, TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने एक कांच की पानी की बोतल को मेज पर मारकर हंगामा खड़ा कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, बनर्जी ने गलती से अपनी अंगूठी और तर्जनी पर चोट कर ली, जिसके लिए उन्हें तुरंत प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता पड़ी।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और AAP नेता संजय सिंह ने तात्कालिक रूप से हस्तक्षेप किया और श्री बनर्जी को चिकित्सा सहायता के लिए कमरे से बाहर escort किया। इस घटना के बाद बैठक को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया।

विवाद का संदर्भ:

वक्फ (संशोधन) बिल, 2024, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने के लिए प्रस्तावित है, इन दिनों गहन बहस का केंद्र बना हुआ है। प्रस्तावित संशोधनों में डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता उपाय और अवैध रूप से अधिगृहीत वक्फ संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र शामिल करने का लक्ष्य है। इस बिल को लेकर विपक्ष के नेताओं ने सरकार पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इसे पेश करने और मुस्लिम समुदाय को लक्षित करने का आरोप लगाया है।

सोमवार को JPC के सत्र के दौरान, विपक्ष के सदस्यों ने इस बिल के संबंध में परामर्शी प्रक्रिया पर सवाल उठाए और पूछा कि इसे इतनी जल्दी क्यों लाया जा रहा है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने विशेष रूप से इस बात पर सवाल उठाया कि क्या वक्फ, जो अल्लाह के नाम पर है, को राज्य द्वारा कानूनी रूप से मान्यता दी गई है। इन चिंताओं का BJP सदस्यों ने जोरदार तरीके से विरोध किया, जिन्होंने बिल का बचाव करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्ति प्रबंधन में सुधार लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं:

AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है, यह कहते हुए कि यह बिल बीजेपी की वक्फ बोर्ड को भंग करने की मंशा को दर्शाता है। उन्होंने तर्क किया कि प्रस्तावित संशोधन मुस्लिम समुदाय के हाशिए पर जाने का कारण बन सकते हैं और बिना व्यापक परामर्श के इन परिवर्तनों को पेश करने की तात्कालिकता पर सवाल उठाया।

AAP नेता संजय सिंह ने भी इसी तरह की चिंताओं को व्यक्त करते हुए, वक्फ बोर्ड के सदस्यों, समुदाय के नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों के साथ व्यापक चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों विपक्षी नेताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए उचित और पारदर्शी विधायी प्रक्रिया बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

बीजेपी का रुख:

बीजेपी नेता इस बिल को वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए आवश्यक मानते हैं। उनका कहना है कि ये सुधार पारदर्शिता बढ़ाएंगे, भ्रष्टाचार को रोकेंगे और अवैध रूप से अधिगृहीत वक्फ भूमि की वसूली की अनुमति देंगे। बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में जवाबदेही के महत्व को उजागर किया और कहा कि उन्हें विश्वास है कि संशोधन लंबे समय से आवश्यक परिवर्तन लाएंगे।

JPC की कार्यवाही:

वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति ने दिल्ली में 15 बैठकें और अन्य शहरों में 5 बैठकें आयोजित की हैं, विभिन्न हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के लिए। इनमें सरकारी अधिकारी, वक्फ बोर्ड के सदस्य, कानूनी विशेषज्ञ और विभिन्न राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों से समुदाय के प्रतिनिधि शामिल हैं।

हालांकि हाल की बैठकों के दौरान गरमागरम बहस हुई, JPC प्रस्तावित संशोधनों की गहन समीक्षा करने और बिल पर अंतिम रूप देने से पहले सभी आवाजों को सुनने के लिए प्रतिबद्ध है।

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